हे सदी के महानायक, देश के विकास पुरुष,
नाज है तुम पर आज हमें, खुशहाल है सारा देश।
नासमझों के हाथ में देश था मेरा बदहाल,
बडी उम्मीद तुझ से अब , हे मां के लायक लाल।
टुकडों में बांटे हें देश को आज गद्दी की खातिर लोग,
पोते हें कालिख धोटालों के, चहरे पे ये शातिर लोग।
बीमार है मां मेरी ,उठालो अपने मजबूत कंधे पर,
अनुशासन की दवा से करलो माँ का तुम
उपचार।
बदलाव की राह पर जब तुम पड़ोगे चल,
टूट पड़ेंगे तुमपर दुश्मन कर के नाना छल।
धमाचौकडी मचाएंगे चांडाल, भूत, पिशाच,
पर तुम जोगीश्वर साध लो अपनी पावन सोच।
फिक्र न करो कि तुम एक हो, एक से होते काम अनेक,
एक चांद से होती चांदनी, एक सूरज से सारी चमक।
वो सर्जीकल स्ट्राइक के प्रणेता, विमुद्रीकरण की धुरी,
तुम्हारा लक्ष्य
है देश मैं शांति ओ ईमानदारी ।
कद बढा है विश्व में, स्वच्छ है भारत आज,
संपन्न है आज देश मेरा, सब तेरे दिमाग की उपज।
प्रौद्योगिकी के शिल्पकार हो तुम, देश रखेगा याद।
राजनीति के कीचड में खिले तुम हो कमल फूल,
स्मित हास, मृदु भाष, सत् कर्मा तुम हो व्यक्ति विरल।
थकते न हो मेहनत से कभी तुम,चुराते न कभी जी,
उम्र का न कोई असर है तुम पर , तुमसा तुम मोदीजी।
जिओगे तुम तब तक धरती पर, जब तक चांद सूरज,
बड़े नाज की बात है यह की मोदीमय है विश्व आज।
By pradipta panda.
By pradipta panda.
very nice line
ReplyDelete