नमस्ते माँ सरस्वती विद्या प्रदायिनी,
वाकदेवी, वर्णेश्वरी माँ वरदा, ब्रह्माणी।
त्रिदेवी मध्ये श्रेष्ठा माँ कल्याणकारिणी,
ब्रह्मलोक निवासिनी माँ वीणावादिनी।
ज्ञान, बुद्धि, कला, सुर की कृपाकारिणी,
पुस्तकहस्ता माँ कविजिह्वाग्रवासिनी।
चन्द्रोज्वल दुग्धफेनिल शुभ्रा वस्त्र धारिणी,
कमल सुमन आसीना माँ वरदायिनी।
चौहस्ता, सौम्यदर्शना हे मृदु भाषिनी,
विराजिए मेरे मन में, मेरी स्नेहमयी जननी।
दिव्य शुक्ल प्रभा उद्भासितांग स्मितहासिनी,
विभुभाव कृपा करो माँ मरालवाहिनी।
वाकदेवी, वर्णेश्वरी माँ वरदा, ब्रह्माणी।
त्रिदेवी मध्ये श्रेष्ठा माँ कल्याणकारिणी,
ब्रह्मलोक निवासिनी माँ वीणावादिनी।
ज्ञान, बुद्धि, कला, सुर की कृपाकारिणी,
पुस्तकहस्ता माँ कविजिह्वाग्रवासिनी।
चन्द्रोज्वल दुग्धफेनिल शुभ्रा वस्त्र धारिणी,
कमल सुमन आसीना माँ वरदायिनी।
चौहस्ता, सौम्यदर्शना हे मृदु भाषिनी,
विराजिए मेरे मन में, मेरी स्नेहमयी जननी।
दिव्य शुक्ल प्रभा उद्भासितांग स्मितहासिनी,
विभुभाव कृपा करो माँ मरालवाहिनी।
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