झूठों के बाजार में हम चंद सच बेचने निकले थे ,
मेरा सच पड़ा रहगया, लोग मुझे झूठा बना गए।
तुझे चाँद कहूँ या परी कहूँ, तू है तो मेरी पूजा,
सारी ज़माने में तुझसे अनमोल है न कोई दूजा।
अपने आँगन से ग़मों को दूर फेंक कर तो देखो,
अपने आंचल को खुसीओं के लिए खाली रख कर तो देखो।
गम में न इतना दम है की आपके पास भटक पायेगी,
खुसीओं से सराबोर हो कर आपकी जिंदगी सवर जाएगी।
मोहताज नहीं है इश्क मेरी, तेरी निगाहे करम की,
मैं तेरी मुतअल्लिक़ हूँ,तू मुझे मतानन ले या न ले।
बहुत गयी थोड़ा बाकि, फिर कैसी झगड़ा ? क्या झमेला है ?
चलो मुस्कुराके जी लें ये जिंदगी चार दिन का ही तो मेला है।
तेरी दी हुई ख़ुशी और गम को हम एक ही प्याले में पी जाते हें,
गम हजम कर ख़ुशी हम आपके पाले मे छोड़ जाते हैं।
हम गलत हो सकते हें, मगर आप के लिए गैर तो कतई नहीं,
हाँ, आप का शौक पालते हें मगर दिलों का सौदागर तो कतई नहीं।
मेरा सच पड़ा रहगया, लोग मुझे झूठा बना गए।
तुझे चाँद कहूँ या परी कहूँ, तू है तो मेरी पूजा,
सारी ज़माने में तुझसे अनमोल है न कोई दूजा।
अपने आँगन से ग़मों को दूर फेंक कर तो देखो,
अपने आंचल को खुसीओं के लिए खाली रख कर तो देखो।
गम में न इतना दम है की आपके पास भटक पायेगी,
खुसीओं से सराबोर हो कर आपकी जिंदगी सवर जाएगी।
मोहताज नहीं है इश्क मेरी, तेरी निगाहे करम की,
मैं तेरी मुतअल्लिक़ हूँ,तू मुझे मतानन ले या न ले।
बहुत गयी थोड़ा बाकि, फिर कैसी झगड़ा ? क्या झमेला है ?
चलो मुस्कुराके जी लें ये जिंदगी चार दिन का ही तो मेला है।
तेरी दी हुई ख़ुशी और गम को हम एक ही प्याले में पी जाते हें,
गम हजम कर ख़ुशी हम आपके पाले मे छोड़ जाते हैं।
हम गलत हो सकते हें, मगर आप के लिए गैर तो कतई नहीं,
हाँ, आप का शौक पालते हें मगर दिलों का सौदागर तो कतई नहीं।
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