मजहब के नाम पर जन्नत का ख्वाब दिखाने वाले ,
खुदा की करिश्माई दुनिया को जहन्नुम बना देते हें,
खुद तो इसी जहाँ मैं महफूस रहकर जन्नत का मजा लेते हें,
जेहाद के नाम पर नौजवानों को मौत के कुएँ में धकेल देते हें।
खुदा गवाह है, ये जिस के हुक्म से संसार मैं आते हैं ,
अपने मतलब के लिए उसी के नाम को बदनाम कर जाते हैं,
डरते नहीं है गुनाह-ए-अजीम से ये लोग, इंसानियत का क़त्ल कर जाते हैं
हमें शक है क्या ये वाकई खुदा को जानते और मानते हैं?
मजहब तो सारे अच्छाई का भंडार,खुदा है मालिक कहते हें ,
खुदा की खुदाई ,नेकी-बदी के सच्चाई से भ्रमित रहते हें
उन्ही के नाम पर नफरत के जहर की खेती उगाते हें,
इंसान की नस्ल में फूट डाल कर राज करना चाहते हें।
औरों के बच्चों को जेहाद, शहादत का पाठ पढ़ानेवाले,
खुद की बच्चों को महफूज दुरी पर उच्चशिक्षा दिलवाते हें ,
क्या वे अपने बच्चों के लिए जन्नत नहीं चाहते हें ?
फिर उन्हें अपने आदर्शों से दूर क्यों रखना चाहते हें।
नौजवानों मैं धार्मिक उन्माद और आदर्श के जोश भर कर अपना भद्दा मकसद को अंजाम देनेवाले
कुक्ष्यात आतंकियों , अपराधियों और नक्सली नेताओं के बच्चे उनके कार्य के परिधि के बाहर
दुरी पर पढ़ते हैं। दूसरे के बच्चों को खतरों और मौत के मुँह में ढ़केल देने का सर्बदा प्रयासरत ये लोग अपने बच्चों के लिए क्या चाहतें हैं आएये देखें।
1 . माननीय राजीब गांधीजी के हत्यारें नलिनी-मुरुगन की बेटी हरिथा ब्रिटेन मैं बायो मेडिसिन पढ़रही है।
2 .झारखण्ड मैं सक्रिय नक्सली देब कुमार सिंह उर्फ़ अरबिंद का बेटा अभिषेक आई.आई.टी. कानपूर से पासआउट है। वह फ्यूजियन टोड टेक्नोलॉजी नामक कंपनी के सीईओ है।
3. फरार नक्सली मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ़ गणपति का बेटा मुपल्ला श्रीनिवास राव उर्फ़ राजू चित्तूर श्रीवेंकटेश्वर कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की है। फ़िलहाल वे अमेरिका के शिकागो मैं एक अन लाइन हेल्थ मैनेजमेंट कंपनी सीबीएस केयरमार्क मैं कार्य रत है।
4 . भारत में संसद पर आतंकी हमले की दोषी और फांशी की सजा पा चुके अफ़ज़ल गुरु का बेटा ग़ालिब इस साल जम्मू-कश्मीर बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में ९५% रख कर घाटी में १९वाँ स्थान रखे हें। सब से महत्वपूर्ण बात यह है की जिन आदर्शों के लिए समाज के नौजवानों में ये लोग हिंसा और नफरत के जहर भरते हें, अपने बच्चों को उस जन्नत के रास्ते से दूर क्यों रखना चाहते हें ? क्या कोई अच्छी चीज से अंपने बच्चे को दूर रखकर गैरों के बच्चों को देनेवाले महात्मा है ये लोग। बदनशीबी से कुछ लोगों का ब्रेन होता ही है वाश हो जाने के लिए। नौजवानों को चाहिए की किसी की वहकाओं में न आए। इन आतंक के आकाओं के अपने परिवार के प्रति रुख को देखें। ये लोग सिर्फ मौत के सौदागर है कोई जन्नत के दरवाजे का दरवान नहीं। सबसे प्यार करें, सबका भला करें, इसी मैं ही उपरवाला , चाहे जिस भी नाम से बुलाओ उसको, उस से नजदीकी मिलसकता है।
खुदा की करिश्माई दुनिया को जहन्नुम बना देते हें,
खुद तो इसी जहाँ मैं महफूस रहकर जन्नत का मजा लेते हें,
जेहाद के नाम पर नौजवानों को मौत के कुएँ में धकेल देते हें।
खुदा गवाह है, ये जिस के हुक्म से संसार मैं आते हैं ,
अपने मतलब के लिए उसी के नाम को बदनाम कर जाते हैं,
डरते नहीं है गुनाह-ए-अजीम से ये लोग, इंसानियत का क़त्ल कर जाते हैं
हमें शक है क्या ये वाकई खुदा को जानते और मानते हैं?
मजहब तो सारे अच्छाई का भंडार,खुदा है मालिक कहते हें ,
खुदा की खुदाई ,नेकी-बदी के सच्चाई से भ्रमित रहते हें
उन्ही के नाम पर नफरत के जहर की खेती उगाते हें,
इंसान की नस्ल में फूट डाल कर राज करना चाहते हें।
औरों के बच्चों को जेहाद, शहादत का पाठ पढ़ानेवाले,
खुद की बच्चों को महफूज दुरी पर उच्चशिक्षा दिलवाते हें ,
क्या वे अपने बच्चों के लिए जन्नत नहीं चाहते हें ?
फिर उन्हें अपने आदर्शों से दूर क्यों रखना चाहते हें।
नौजवानों मैं धार्मिक उन्माद और आदर्श के जोश भर कर अपना भद्दा मकसद को अंजाम देनेवाले
कुक्ष्यात आतंकियों , अपराधियों और नक्सली नेताओं के बच्चे उनके कार्य के परिधि के बाहर
दुरी पर पढ़ते हैं। दूसरे के बच्चों को खतरों और मौत के मुँह में ढ़केल देने का सर्बदा प्रयासरत ये लोग अपने बच्चों के लिए क्या चाहतें हैं आएये देखें।
1 . माननीय राजीब गांधीजी के हत्यारें नलिनी-मुरुगन की बेटी हरिथा ब्रिटेन मैं बायो मेडिसिन पढ़रही है।
2 .झारखण्ड मैं सक्रिय नक्सली देब कुमार सिंह उर्फ़ अरबिंद का बेटा अभिषेक आई.आई.टी. कानपूर से पासआउट है। वह फ्यूजियन टोड टेक्नोलॉजी नामक कंपनी के सीईओ है।
3. फरार नक्सली मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ़ गणपति का बेटा मुपल्ला श्रीनिवास राव उर्फ़ राजू चित्तूर श्रीवेंकटेश्वर कॉलेज ऑफ़ टेक्नोलॉजी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की है। फ़िलहाल वे अमेरिका के शिकागो मैं एक अन लाइन हेल्थ मैनेजमेंट कंपनी सीबीएस केयरमार्क मैं कार्य रत है।
4 . भारत में संसद पर आतंकी हमले की दोषी और फांशी की सजा पा चुके अफ़ज़ल गुरु का बेटा ग़ालिब इस साल जम्मू-कश्मीर बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में ९५% रख कर घाटी में १९वाँ स्थान रखे हें। सब से महत्वपूर्ण बात यह है की जिन आदर्शों के लिए समाज के नौजवानों में ये लोग हिंसा और नफरत के जहर भरते हें, अपने बच्चों को उस जन्नत के रास्ते से दूर क्यों रखना चाहते हें ? क्या कोई अच्छी चीज से अंपने बच्चे को दूर रखकर गैरों के बच्चों को देनेवाले महात्मा है ये लोग। बदनशीबी से कुछ लोगों का ब्रेन होता ही है वाश हो जाने के लिए। नौजवानों को चाहिए की किसी की वहकाओं में न आए। इन आतंक के आकाओं के अपने परिवार के प्रति रुख को देखें। ये लोग सिर्फ मौत के सौदागर है कोई जन्नत के दरवाजे का दरवान नहीं। सबसे प्यार करें, सबका भला करें, इसी मैं ही उपरवाला , चाहे जिस भी नाम से बुलाओ उसको, उस से नजदीकी मिलसकता है।
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