"वक्त बदला है सोच बदली है,
नया नेता है, नई सरकार,
देशप्रेमी के सख्त हाथों में
देश की अस्मिता की है वागडोर।"
दहाड़ है यह हिंदुस्तानी शेर की,
दुश्मन हो जाओ होशियार,
बाज आओ अपनी नापाक हरक़तों से,
तेरे खात्मे को है वह तैयार।
जोशोखरोश से भरा है सीना,
देशभक्ति उसमें है अपार,
शौर्य , सामर्थ्य में अतुलनीय वो,
डरना सीखा नहीं है यह शेर।
बहते खून पर आंसू न बहाता,
निकाल लेता है वह तलवार,
चैन से नहीं बैठा रहता है वह,
जबतक हिसाब न करले बराबर।
तेरी हर गुस्ताख़ी को सहता जाए,
बुज़दिल नहीं है मेरे सरकार,
समझलो, संभलजाओ या फिर मिट जाओ,
चुन लो वो पथ जो भी हों तेरे विचार।
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