जाने का मन बना लिए हो तो जाओ,
दोस्त बनकर आए थे, दुश्मन बनकर तो ना जाओ।
मुस्कुरा कर आए थे, दुखी हो कर तो न जाइए,
सर उठाकर आए थे,. मुँह छुपा कर न जाइए।
कह दीजिए हम से जब जाना हो,
जब हमें गम में डूबो देना हो।
चाहो तो यकीन करो या न करो आप हम पर,
हमारी नियत पर आप कर सकते हो ऐतबार।
हम कल भी दोस्त थे आज भी दोस्त है,
दिल से कल भी मस्त थे आज भी मस्त है।
थोडा रोएँगे, थोडा गिड गिडाएँगे, जरा मिन्नतें करेंगे;
मगर आप को आपके घर तक छोड़कर आएंगे।
क्यों की हीरे से खरा, सूरज से सच्चा, चांदनी से सुंदर,
सागर से गहरा, कंचन से सुनहरा है मेरा प्यार।
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