Friday 13 April 2018

हरजाई



जीवन दूर चला ग़या पर मौत पास न आई,

यह एहसास तब हुआ जब वो हो गए हरजाई |


I became lifeless but did not die,
 I got that feeling when she deserted me.

जुबां बंद है पर दिल शोर करता है,
 कहूँ किस से कि ये क्यूँ कर करता है। 

हर कत्ल के बाद खंजर मासूम और कसाई बेगुनाह हो जाता है,
 शायद कुर्बान खुद अपना सर अपने हाथों कलम कर जाता है। 

हम आज ही तो उनकी गली से आए हुए हें,
हम  आज ही तो गंगा नहाए हुए हें। 

बेहतर तो यह है कि  मैं तेरी  जुदाई के गम में डूब कर मर जाउँ,
बनिस्बत यह कि मैं खुशिओं के ठिकाने  तलाशने कहीं और जाउँ। 

नाज़-ए-इश्क न कीजिए ये वो बदनाम नैया है,

मौज़-ए-जिंदेगी में हर एक सवारी को डुबोया है। 


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