Friday 10 April 2015

आपकी मुस्कान

काटने  को दौड़े  वो दरो -दीवार 
                        जो  तर  थे  आपकी  मुस्कान  के  गुंजन  से  कल ,
वैसे  तो  आप  शरमाते  ज्यादा  थे  बोलते  कम ,
                         जब  हुस्न  को  नजरों  से  पिए  जा  रहे  थे 
घडी  भर  बेआवाज़  जिए  जा  रहे   थे  हम। 

No comments:

Post a Comment

ଆଜି ପରା ରଥ ଯାତ

https://youtu.be/38dYVTrV964 ଆଜି ପରା ରଥ ଯାତ, ଲୋ ସଙ୍ଗିନୀ ଆଜି ପରା ରଥ ଯାତ  ବଡ ଦାଣ୍ଡ ଆଜି ଦିବ୍ୟ ବୈକୁଣ୍ଠ ଲୋ  ରଥେ ବିଜେ ଜଗନ୍ନାଥ।  ଏ ଲୀଳାକୁ ଦ...