Sunday 1 January 2017

नया साल 2017

चलो दफनादें सारे गीले-शिकवे पुराने साल की समाधी में,
मुहब्बत का एक खूबसूरत आशियाँ बनाएँ नए साल की अवधि में।

क्या तुमने किया, क्या हमने किया बीते साल में गलत-सही;
भुलादें रंजिशें, आगे बढे हसके, नया साल की  मांग यही।

तुम आगे बढ़ो, हमे बढ़ने दो, साथ मिलकर कारवां बढे,
खुशियां मिलकर बहुगुण हो, गम अतीत की भेंट चढ़े।

गलती मुझमें हैं , बुराई मुझमें है, फिर क्यों कहूँ मैं तुम्हे बुरा,
खंगाललूं मुझको मैं, सुधारलूं खुदको मैं, तुम देखो क्या है तुम्हारा। 

'मैं' न 'मैं' रहूँ, 'तुम' न 'तुम' रहो, आओ दोनों मिल के 'हम' बने,
करो बड़ा दिल, संकीर्णता से निकलो, कुर्बानी की चीज 'अहम्' बने। 

चार दिन का जीवन, दो दिन की दोस्ती चलो साथ हसके गाके जियें ,
अनमोल समय को, अनुपम दोस्ती को चलो  जियें एक दूजे के लिए।        

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