Saturday 18 August 2018

हे श्याम


हे श्याम, मेरे सुनहरे सपने, 
 सुख चैन, दिन रात अपने ,
 बिन तेरे बियावान मन उपवन मेरा,
 बिन तेरे चौ दिसि  घना अंधेरा । 

 नजर जिधर करुं उधर है तेरा चेहरा,
बंद नजरों में भी चमकता है गात तेरा,
जहर लागे लोग और भोग की ये दुनिया,
 बुलालो पास अगर मन को भाए ओ कन्हैया। 

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