Wednesday 17 January 2018

कृष्ण महिमा

धन्य है उसका  जनम, जीवन
कृष्ण भावनामृत मैं डूबा है जो  जन

वो रसना जो गाए सदा कृष्ण नाम,
जीवनान्ते अक्लेशे पाए कृष्ण धाम। 

आदर से जो पाए कृष्ण का  प्रसाद,
परलोक का न रहे कोई अवसाद। 

जो चित्त करे सदा कृष्णलीला सुमिरन, 
मोह माया  से दूर रहे उसका मन। 

जो जाए कृष्ण मंदिर सुबह शाम,
कालांतरे होए उसका कृष्ण संगम। 

देहे  जो धरे कृष्ण नाम उत्तरीय,
पा जाए कृष्णपद को न कोई संशय।   

श्रवण जो करे सदा कृष्ण कथा,
न भोगे मृत्युकाले काल व्यथा।  

चक्षु जो देखे सदा कृष्ण मूर्ति, 
उसे आजीवन होए परमानंद  प्राप्ति। 

मूर्ख प्रदीप्त  क्या कहें  कृष्ण महिमा
जो उसने लिखाया बस वही किया बयां।   

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