Sunday 14 January 2018

जातिवाद की राजनीती

लुट गयी  है अस्मत महाराष्ट्र में देश की ,
विभाजन कारी नेता मुस्कुराता रहा,
चीर कर देश मां के  पाक दामन को, 
दर्द  उनको तनिक भी न हुआ।  

हमें सवर्ण और दलित में बांट कर, 

खुश  हुए सत्ता की ये भूखे भेडिए,
चल कर फूट डालो राज करो का नीति,  
सोचते हें ये कि गद्दी की  ओर बढ लिए?

खुद को आज़ादी का  फरिश्ता  कहते हो,

शक की उसमें  बड़ी गुंजाईश (?) होती है,
ये नहीं होता है कर्म आज़ादी  के फरिश्ते  का, 
भाई को भाई से लड़ाने की क्या खूब तेरी  देशप्रीति है।  


क्या तुम बेवकूफ समझते हो लोगों को,

अरे ओ लाशों पर राजनिती करने वाले,
निकले हो रोटी सेकने चिता  की आग पर,
हम तुम्हारी  चाल में नहीं  है आने वाले। 

हर रंग के गुलों से आबाद है गुलिस्तां हमारा,
कम से कम तुम तो रंग में भंग न डालो,
धरती का अनोखा चित्रपट  है हिन्दुस्तान हमारा,
हमारी  एकप्राणता  को सत्ता के लिए न रौंद डालो।  

विभिन्नता में एक प्राण है हम सदा से,
हम हर हाल में एक ही बने रहेंगे,
कौशल कुछ भी कर लो देश  को तोड़ने की,
शह देश की, मात तुम्हारी ही होगी ।
   
नोट -महाराष्ट्र में जातीय दंगे भड़काकर जिग्नेश मेवानी( कांग्रेस समर्थन में गुजरात में बने विधायक } दिल्ली में प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उनके प्रेस कॉन्फ्रेंस की पूरी जिम्मेदारी और व्यवस्था कांग्रेस अध्यक्ष राहुल  गांधीजी  के ट्विटर संचालित करने वाले अलंकार सवाई कर रहे थे। रिपब्लिकन चैनल के रिपोर्टरों की टीम ने उनको पहचान लिया और उनपर सवालों की बौछार कर दी कि क्या यह प्रेस कांफ्रेंस राहुल गाँधी द्वारा आयोजित है ?यदि नहीं तो अलंकार सवाई यहाँ की सारी व्यवस्था स्वयं क्यों संभाल रहा है। कोई भी सवाल का जवाब दिए बगैर अलंकार सवाई एक ऑटो में बैठकर वहां से भाग निकले। देश तोड़ने की यह राजनीति कांग्रेस का स्पष्ट अजेंडा दिखता है।कांग्रेस के लिए विवजनकारी ताकतें देश से ज्यादा महत्वपूर्ण है।कांग्रेस, भाजपा सब अस्थायी है, आज है पचास साल बाद रहेंगे या नहीं यह नहीं कहा जा सकता है। परन्तु देश कल था, आज है और कल रहेगा।  हमारे लिए देश महत्वपूर्ण है। जो देश की बात करेगा, उसकी अखंडता को सम्मान देगा, जाति-धर्म  से परे उठकर देश की प्रगति, सबजन समभाव से काम करेगा वही हमारा अपना है। जय भारत।



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